माँ आजकल तुम बहुत ही बिजी हो।
ये कमेन्ट और लाइक में जो घिरी हो।
यूट्यूब पर भी सब्सक्राइब बड़ा रही हो।
इनसटागाम पर भी रीले घूमा रही हो।
ये टेलीग्राम तक तो छोड़ा नही तुमने।
ट्विटर को ही क्यूँ इंतजार करा रही हो।
फेसबुक पर दो आई-डी बना कर बैठी हो।
इन मंचों की तशरीफ़ नीचे दबाए बैठी हो।
एक प्यारी आवाज फिर पतिदेव की आई।
डार्लिंग तुम इतना ऑनलाइन क्यूँ हो छाई।
जरा सोचो तो हमारे और घर के बारे में।
सारे रिश्तेदार बाते बना रहे तुम्हारे बारे में।
इतने में बेटे ने भी आकर मुझको पुकारा।
अब उसने भी मुझे नए नामों से है दुलारा।
मुझे देख सासूमाँ ने भी चश्मा आँखों पे चढ़ाया
अचम्भा हुआ, जब उन्होंने मुझे गले से लगाया।
खबरदार ग़र किसी ने जो इसको और सताया,
दमदार सा सासुमॉं ने मेरा यूँ परिचय कराया।
सोच से परे जाकर ये पल जिंदगी में आया।
इस ख्याल से ही मन गदगद हो मुस्कराया।
कमरें की चुप्पी को जैसे दीवारों ने सुन लिया था।
इन आंखों की नमी को मानो सबने पढ़ लिया था।
अब तो ज़मी उठकर नभ तलक पहुँच गई हैं।
अब तो ज़मी उठकर नभ तलक पहुँच गई हैं।
Rajeev kumar jha
07-Jan-2023 08:04 PM
Nice
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Sachin dev
07-Jan-2023 02:32 PM
Wonderful
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पृथ्वी सिंह बेनीवाल
07-Jan-2023 12:24 AM
बेहतरीन
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